लेखनी प्रतियोगिता -01-Jul-2022 डॉक्टर होते भगवान के रूप
लेखिका-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-डॉक्टर होते भगवान के रूप
जब जन्म हुआ धरती पर इंसान
भगवान के मन में आया विचार
जब हो जाएंगे ये बीमार
कौन रखेगा इनका ख्याल
भगवान ने किया डॉक्टर का निर्माण
डॉक्टर होते जीवन का सर्जनकार
जीवन बचाएं हजार
जब भी हम हो जाते बीमार
चिकित्सक बनते हमारे आधार
डॉक्टर कहते हमारा इलाज
हमारी जब बांधते ढांढस
मरीज के चेहरे पर आती मुस्कुराहट
कहते डॉक्टर एक ही बात
खानपान का रखना हमेशा ध्यान
रोज करो तुम व्यायाम
बीमारी का हो जाएगा त्याग
चिकित्सक है मेरा मंदिर
मरीजों की सेवा करती नर्स
सेवा है मेरी पूजा पाठ
है मेरा यही काम
यही कहलाता मेरा कर्म
यही पुण्य है मेरा धर्म
मानव की सेवा करना है मेरा पर्व
हर पल संग रहते थे डॉक्टर
करते बड़े-बड़े इलाज
शरीर जब हो जाता बीमारी का शिकार
डॉक्टर देता हमें सावंतना
कर देंगे तुम्हारी बीमारी का इलाज
ले जाते ऑपरेशन थिएटर
करते घंटों प्रयास
मेहनत उनकी रंग लाती
मौत के मुंह से बाहर निकालती
देता उनको जीवनदान
बहन को मिलता अपना भाई
मां को मिलता अपना बेटा
पिता कहता तू है साक्षात्कार देवता
लौटाया तुमने मेरा बेटा
भाई कहता तू ने बचाया मेरा बचपना
दोस्त कहता लौटा लौटाई तूने मेरी मित्रता
डॉक्टर नर्स करते मदद
निभाते अपना फर्ज
रात दिन करते एक
दोबारा देते उनका जीवन
दोबारा जीवन पाकर होते सफल
मिल जाता उन को नया जीवन
Happy doctors day
Dr. Arpita Agrawal
03-Jul-2022 01:07 PM
बेहतरीन 👌👌
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Raziya bano
02-Jul-2022 09:40 AM
Nice
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Shrishti pandey
02-Jul-2022 08:31 AM
Nice
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